ना आस्था ना पथ यह कैसा आस्था पथ।
झाड़ियों में गुम हो गए 21 करोड़
रिपोर्ट :अरुण कश्यप
हरिद्वार। महाकुंभ 2021 के
सबसे बड़े कार्यों में से एक आस्था पथ इन दिनों जर्जर और बेहद खराब हालात में जा पहुंचा है। विभागों से लेकर शासन तक का ढीलढोल रवैया और लचर कार्यशैली जिसके मुख्य कारण है,
जिसके चलते 21 करोड़ जैसी बड़ी और भारी धनराशि से बना ये आस्था पथ अब जंगली झाड़ियों, सिल्ट और गंदगी के ढेर तले विलुप्त सा हो गया है,
महाकुंभ के बड़े आकर्षक कार्यों में आस्था पथ सबसे ज्यादा चर्चाएं बटोरने वाला काम था, जिसे उस समय बड़ी उपलब्धि बताया गया, और वादे भी किए गए कि श्रद्धालु इस आस्था पथ को हर की पौड़ी से ज्यादा पसंद करेंगे साथ ही स्थानीय लोग यहां हर दिन आयेंगे और मॉर्निंग वॉक भी करेंगे, इस आस्था पथ में लोगों का आकर्षण और ज्यादा बढ़े इसके लिए यहां कई तरह से प्वाइंट भी बनाएं गए जैसे दिग दर्शन, लोवर पथ, सूर्य दर्शन, लीला दर्शन आदि भी बनाएं गए थे,
उस समय कई लोगों ने इसे तत्कालीन मेलाधिकारी दीपक रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट भी बताया था, दीपक रावत ने खुद विशेष मॉनिटरिंग करके इस आस्था पथ का निर्माण भी कराया था,दीपक रावत द्वारा नया आयाम जोड़ते हुए यहां विश्व का सबसे बड़ा दीपक भी स्थापित कराया गया था
उसके बाद कुंभ ख़त्म हो गया और धीरे धीरे आस्था पथ से आस्था भी गायब होने लगी
यहां तक की यहां का पथ भी
झाड़ियों और गंदगी के साथ साथ गंगा में आई सिल्ट में विलुप्त होने लगा,
वर्तमान स्थिति को देखें तो अब आस्था पथ पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां ,चारों तरफ गंदगी, खुले में शौच और टूटा फूटा रास्ता यही आस्था पद की मौजूदा तस्वीर बन के रह गई है , शाम ढलते ही कई आपराधिक प्रवृति के लोग भी यहां डेरा डाल लेते है पिछले दिनों यहां स्थित गंगा घाट से लोहे की रेलिंग भी काटकर चुरा ली गई थी,
*लेटलटिफि और लापरवाही ने बनाया आस्था पथ को जर्जर*
विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और शासन की लेट लतीफी ही आस्था पथ की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार है,
सिंचाई विभाग हरिद्वार द्वारा इस आस्था पथ का निर्माण 20 करोड़ 70 लाख 60 हजार रूपए की लागत से 14 फरवरी 2020 से 30 नवंबर 2020 के बीच कराया गया
निर्माण होने के बाद इस आस्था पथ को सिंचाई विभाग द्वारा नगर निगम या हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को हैंड ओवर करना था क्योंकि सिंचाई विभाग मात्र एक कार्यदाई संस्था है और वो यदि ऐसे प्रोजेक्ट तैयार भी कर लेते है तो उन्हें किसी अन्य विभाग को हैंड ओवर कर देते हैं क्योंकि
देखरेख, सौंदर्यकरण और अन्य मरम्मत कार्यों के लिए उनके पास कोई मद नहीं होता,
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये आस्था पथ अब हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के हैंड ओवर हो जाए इसके लिए वो कई बार शासन को पत्र लिख चुके हैं लेकिन अब तक उनकी बात शासन ने नहीं सुनी।
खंडहर में तब्दील होती स्वामी
वामदेव देव की मूर्ति झाड़ियों के जंगल ने बंद किया रास्ता*
उस समय स्वामी वामदेव की स्थापना भी यहां बड़ी धूमधाम से की गई थी जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री ने भी शिरकत कर
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी की थी,
लेकिन आज हालत ये है कि उस मूर्ति तक भी नहीं जाया जा सकता क्योंकि रास्ते में झाड़ियां का जंगल खड़ा हो गया है ऐसा लगता है कि किसी ने सालों से स्वामी वामदेव की मूर्ति की ना तो दर्शन किए हैं ना ही वहां किसी प्रकार की कोई पूजा हुई है,
*दिग्दर्शन करने नहीं जा सकते श्रद्धालु*
आस्था पथ निर्माण के दौरान एक पॉइंट दिग्दर्शन भी बनाया गया जहां खड़े होकर पूरी गंगा जी के दर्शन किए जा सकते थे लेकिन बड़ी-बड़ी घास और झाड़ियां के कारण दिग्दर्शन भी कहीं विलुप्त हो गया है अब यहां दर्शनों के लिए कोई नहीं जा सकता।
झाड़ियां से ढक गया सूर्य दर्शन इस आस्था पद का एक आकर्षक पॉइंट सूर्य दर्शन भी था जहां खड़े होकर सूर्य देव के सबसे अच्छे दर्शन हो सकते थे इस सूर्य दर्शन को स्त्री डिजाइन किया गया था कि आप सीधे खड़े होकर सबसे पहले सूर्य के दर्शन कर सके लेकिन किसी भी प्रकार का मरम्मत कार्य है और न होने के कारण यह सूर्य दर्शन भी इन दिनो झाड़ियां में ढककर विलुप्त हो गया है
लोअर पद पर खुले में शौच की भरमार पंडित दीनदयाल पार्किंग से लेकर रोड़ी बेल वाला चौकी तक एक लोअर पाठ भी गंगा के सबसे नजदीक बनाया गया था इस लोअर पाठ के सहारे लोग हर की पोड़ी से लेकर चंडीघाट तक आसानी से आ सकते थे लेकिन इन दिनों यह लोअर पाठ खुले में शौच की सबसे बड़ी मिसाल पेश कर रहा है यहां हर दिन ना जाने कितने लोग खुले में शौच करते हैं जिस कारण यहां गंदगी की भरमार है
दर्शन योग्य नहीं रही लीला दर्शन यहां एक आकर्षक तरीके से लीला दर्शन नाम का स्थल पॉइंट भी बनाया गया था जो वाकई बेहद आकर्षक भी दिखता होगा लेकिन समय के साथ-साथ वहा भी झाड़ियां और गंदगी में दबकर रह गया इन दिनो यहां जल संस्थान की लाइनों से लीकेज पानी के कारण भयंकर गंदगी भी हो गई है
आस्था पथ पर टाइल्स से बना मार्ग भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया है आलम यह है कि यहां कई जगह रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे भी हो गए हैं जिन पर चलना भी मुश्किल सा हो गया है
गंगा तट पर लगे गंदगी के अंगार आस्था पथ पर गंदगी के बड़े-बड़े अंबर भी लगे हुए हैं जो गंगा तट से एकदम सेट हैं यहां कई टन कचरा जमा है जो आस्था पथ की तस्वीर को बेहद बदरंग और गंदा भी बना रहा है साथ ही यह सारा कचरा धीरे-धीरे गंगा में जाता है
इन दिनों जब हर की पैड़ी पर गंगाजल नहीं है तो इस समय इस आस्था पथ की मेहता और ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि जिन श्रद्धालुओं को गंगा में स्नान करना है वह अब आस्था पद के पास बने गंगा घाट पर ही स्नान करने आते हैं आ रहे हैं
क्या कहते है जिम्मेदार अधिकारी
इस संबंध में अब सिंचाई विभाग और नगर निगम हरिद्वार से वार्ता की जाएगी यदि आवश्यकता हुई तो हरिद्वार रोड का रुड़की विकास प्राधिकरण से भी बात की जाएगी और मरम्मत कार्यों के लिए यदि धन की आवश्यकता होगी तो उसके लिए भी प्रस्ताव भेजा जाएगा अजय वीर सिंह उप जिलाधिकारी एवं उप मेला अधिकारी हरिद्वार