जांच हुई,अस्पताल और डॉक्टर पाए गए फर्जी,

जुर्माना और एफआईआर का दावा लेकिन दावे हवा हवाई,


अब तक दर्जनों प्रसूताएं बन चुकी हैं काल का ग्रास।


रिपोर्ट:अरुण कश्यप!
रुड़की। स्वास्थ्य विभाग के दावे और वादे खोखले साबित हो रहे हैं। रुड़की के हानियां स्थित एक अस्पताल पर सीएमओ डॉ.आर.के.सिंह की जांच में गंभीर लापरवाहियां सामने आने के बाद अस्पताल पर जुर्माना लगाकर सील करने की कार्रवाई की गई थी। साथ ही एफआईआर दर्ज करने की बात भी कही गई थी।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि कार्रवाई के बावजूद यह अस्पताल अभी भी धड़ल्ले से चल रहा है और यहां डिलीवरी कराई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में अब तक दो दर्जन से अधिक प्रसूताओं और नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है। वजह साफ है—यहां कोई प्रशिक्षित और पंजीकृत डॉक्टर मौजूद नहीं है। बावजूद इसके स्थानीय आशा कार्यकर्ताओं की मिलीभगत और कमीशनखोरी के चलते महिलाओं को यहां भर्ती कराया जाता है और उनसे मोटी रकम वसूली जाती है।सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब खुद सीएमओ ने इस अस्पताल को फर्जी करार देकर एफआईआर दर्ज करने की बात कही, तो फिर आज भी यहां संचालन कैसे हो रहा है? क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं?
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस अस्पताल को तुरंत बंद कर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ न हो सके।