बरसात में शव भी मोहताज:
12 साल से श्मशान के लिए तरस रहा है अजीतपुर,
जमीन पर ‘रिसॉर्ट माफिया’ की नजर!
रिपोर्ट: दिशा शर्मा/गौरव कुमार।

हरिद्वार।हरिद्वार का अजीतपुर और उसके आसपास के पंजनहेड़ी,किशनपुरा,जियापोता गांव के निवासी आज भी एक बुनियादी हक से वंचित हैं, यहां पिछले करीब 12 सालों से पूरे गांव और क्षेत्र की एक बड़ी समस्या के साथ साथ यहां के शवों के सम्मानजनक अंतिम संस्कार के अधिकार दिलाने की मांग भी ग्रामीणों सालों से उठाते आए हैं, बरसात के मौसम में यहां शवों की अंत्येष्टि तक ठीक से नहीं हो पाती, क्योंकि आपदा के दौरान गंगा के पानी के कटाव में गांव का एकमात्र श्मशान घाट बह गया था। तब से लेकर अब तक ग्रामीण श्मशान घाट की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर चुनाव में सिर्फ वादे हुए, समाधान नहीं।
श्मशान पर साज़िश: जहां होना था मुक्ति धाम, वहां बन रहा है ‘मुनाफा धाम’!
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस ज़मीन पर एक रसूखदार भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि है, जो करीब 200 बीघा जमीन पर यहां एक आलीशान रिसॉर्ट खड़ा करना चाहता है।
और यह शमशान घाट ठीक उसकी भूमि के मुहाने पर आ रहा है,यही वजह है कि श्मशान घाट का निर्माण कार्य बार-बार रोका जा रहा है, हाल ही में नमामि गंगे योजना के तहत निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन उसी माफिया ने एक स्थानीय जनप्रतिनिधि की जेबें गर्म कर उसे ठप करवा दिया। चर्चा है कि उस जनप्रतिनिधि को इस खेल के बदले ₹35 लाख की रिश्वत ली है ,
धर्म, संवेदना और इंसानियत से परिपूर्ण गांव के लोग अपने स्वजनों को सम्मानपूर्वक विदा तक नहीं कर पा रहे। बरसात के मौसम में गंगा का जलस्तर बढ़ने पर शवों को घंटों इधर-उधर ढोना पड़ता है। यह न सिर्फ धार्मिक परंपराओं का अपमान है, बल्कि एक गहरी मानवीय पीड़ा भी।
क्या वोटबैंक की राजनीति में मरने वालों की भी कोई कीमत नहीं बची?,अजीतपुर की जनता अब सवाल कर रही है:
क्या गंगा किनारे श्मशान बनाना अब अपराध हो गया?
क्या अंतिम संस्कार के अधिकार के लिए भी रिश्वत देनी होगी?
कब तक ये भू माफिया अपने बड़े फायदे के लिए ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के बुनियादी अधिकार से भी वंचित रखने का काम करेंगे,
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श्मशान घाट के मुद्दे पर मैं पूरेगांव वासियों के साथ हू
जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो जल्दी ही श्मशान घाट बनेगा,
एडवोकेट प्रभाकर कश्यप
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ऋषिकेश के कोई गुप्ता जी है जिन्होंने श्मशान घाट बनने में आपत्ति की है, कई दशकों से अंतिम संस्कार यही होते आए हैं लेकिन अब वह शमशान घाट नहीं बनने दे रहे, इसमें प्रशासनिक अधिकारियों ने आकर शमशान घाट का काम रुकवाया था। अब इसके लिए फिर से प्रयास किए जाएंगे
कृष्णपाल
ग्राम प्रधान जियापोता
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