दिवाली पर नहीं मिला गिफ्ट
तो उल्टी सीधी खबर निकालकर,
खुन्नस निकाल रहे कुछ पतलकार
रिपोर्ट:दिशा शर्मा
हरिद्वार।दिवाली शुरू होने से करीब 15 दिन पहले ही गिफ्ट और लिफाफों की बौछार सी देखने को मिलती ही है ,लेकिन जिसमे कुछ पत्रकारों को कई अधिकारियों और नेताओं से आखिरकार निराशा हाथ लगी।
इसके बाद उन पत्रकारों ने उलझुलुल और उल्टी सीधी खबरें लिखकर अपने निराश मन के साथ उन्हें बदनाम करने का जैसे मानो मन बना लिया हो,
ऐसे लोग आजकल पूरी फॉर्म में है और उन अधिकारियों और नेताओं को चुन चुन कर निशाना बना रहे हैं जिन्होंने उन्हें गिफ्ट और लिफाफे नहीं दिए
कई पोर्टल धारकों की नाराजगी उनकी खबरों में स्पष्ट नजर आने लगी है देखा जाए तो दीपावली एक परस्पर प्रेम और स्नेह का त्यौहार है जिसमें तोहफे लेने की परंपरा बेहद पुरानी है लेकिन पिछले करीब एक दशक से यह परंपरा अपने चरम पर है और इसने अपनी ही अलग ही पहचान बना ली है
कुछ गिने-चुने पत्रकारों ने मन मुताबिक तोहफे न मिलने
के बाद अधिकारियों पर दबाव बनाने का अब प्रयास करना शुरू कर दिया है ,
जबकि उन्हें ये समझना आवश्यक है कि अच्छे अधिकारी अपनी छवि बनाए रखने के लिए किसी उपहार पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि अपने कर्तव्यों और समाज में सकारात्मक योगदान के माध्यम से सम्मान पाते हैं। ऐसे में यह जरूरी है
यदि कोई अच्छा पत्रकार है तो उसे अपने लेखन में संयम बरतने और इस त्योहार की भावना को सही मायनों में समझें की आवश्यकता है,