यूपी और उत्तराखण्ड सरकार को झटखा:

नेम प्लेट मामले पर सुप्रीम रोक
रिपोर्ट:सोनू उनियाल
देहरादून। उत्तराखंड सरकार और प्रशासन एक ओर झटका सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सावन मास के पवित्र माह में चलने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर प्रदेश में प्रशासन ने सभी दुकानदारों , रेहड़ी पटरी वालों को नेम प्लेट के साथ व्यापार करने के निर्देश दिए थे। जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है और आगामी शुक्रवार तक सरकार से जबाब भी मांगा है।
उत्तराखंड में एक तरफ राज्य सरकार कांवड़ यात्रियों का भव्य स्वागत करने की तैयारी कर रही थी तो दूसरी तरफ सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली शुक्रवार यानी 26 जुलाई से पहले जबाव दाखिल करने को कहा कि । उत्तराखंड राज्य अकेला राज्य नहीं है जिसे जबाव देना होगा। बल्कि उत्तराखंड के साथ साथ उत्तर प्रदेश ओर मध्यप्रदेश को भी नेम प्लेट के साथ व्यापार करने के मामले पर जवाब देना होगा। उत्तराखंड में विपक्षी दल पहले ही इस मामले पर सरकार ओर प्रशासन को घेरने का काम कर रहे थे और अब सरकार की चिंता सुप्रीम कोर्ट ने ओर बढ़ा दी है । सरकार क्या जवाब दाखिल करेगी ये तो 26 जुलाई को पता चलेगा। लेकिन राज्य ने सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की ये रोक विपक्षी दलों को एक बड़ा मौका दे गई है सरकार पर जुबानी हमला करने की।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय भले ही अभी स्पष्ट न दिया हो। लेकिन रोक के इस आदेश का भाजपा भी स्वागत कर रही है। लेकिन भाजपा की तरफ से अब भी प्रशासन सरकार के नेम प्लेट वाले निर्णय की तारीफ जरूर कर रही है।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी की माने तो राज्य की गंगा जमुना तहजीब को बिगड़ने का काम भाजपा की सरकार करने जा रही थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह देश भाजपा सरकारों के तुगलक की फरमान से नहीं बल्कि देश के संविधान से चलेगा और सभी लोगों को व्यापार करने ओर अपने मजहब के साथ रहने का अधिकार है।
उत्तराखंड में यह पहला मामला नहीं है कि सरकार को अपने निर्णय के मामले पर कोर्ट में जवाब दाखिल करना पड़ रहा हो बल्कि इससे पहले भी कई बार सरकार अपने तुगलकी निर्णय के चलते कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच चुकी है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने जो रोक लगाई है वह उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। क्योंकि जिस धर्म के राजनीतिक को भाजपा करना चाहती है उस पर कोर्ट ने पाबंदी जरूर लगा दी है।