एक्शन मोड़ में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल,
हर तरफ़ हो रही प्रसंशा।
रिपोर्ट:अरुण कश्यप ,हरिद्वार।
देहरादून/हरिद्वार: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल इन दिनों एक्शन में नज़र आईं है, मौत से पहले नोट लिखकर जानें वाली एक महिला मृतका के मामले में 15 दिन तक कार्रवाई न हुई तो कुसुम कंडवाल ने तत्काल एसपी देहात स्वपन किशोर व एसओ कोतवाली रुड़की से फोन पर पूरे मामले में जानकारी ली ,और शीघ्र ही कड़े शब्दो में निर्देशित किया कि इस संवेदनशील प्रकरण की जांच में कोई भी पहलू छूटना नहीं चाहिए ,हर पहलू पर गंभीरता से जांच होनी चाहिए । साथ ही उन्होंने कहा कि मृतका के सुसाइड या हत्या के मामलें के समस्त आरोपीयों के विरुद्ध शीघ्रता से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
मृतका के परिजन पुलिस की कारवाई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट न होने पर राज्य महिला आयोग पहुंचे थे ,और आयोग के समक्ष अपनी मृतक पुत्री को न्याय दिलाने की गुहार लगाई।
आयोग अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल को मृतका के परिजनों ने मृतका के साथ चैटिंग व कॉल दिखाते हुए बताया कि सुबह 9:57 तक उनकी बात हो रही थी अंत में मृतका द्वारा यह कहा गया कि “यहां कुछ ठीक नहीं है, मेरे साथ नाटक कर रहे है सारे” जिसके कुछ देर बाद मृतका के परिवार को जानकारी दी जाती है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। परिजनों ने मृतका के शरीर पर चोट के निशान व कंधे के पास कपड़े फटे होने की भी जानकारी दी। कुसुम कण्डवाल ने एसएसपी हरिद्वार को भी पत्र लिखते हुए निर्देशित किया है कि यदि मृतका कुछ देर पहले अपने परिवार से बात कर रही थी तो अचानक उसके द्वारा क्यों व किस कारण से सुसाइड किया गया है? क्या उसे सुसाइड के लिए उकसाया गया है? या उसकी हत्या की गई है तो इस घटना में मृतका के परिजनों के बयान के आधार पर तथा घटना के सभी साक्ष्यों की गहनता से जांच पड़ताल कर निष्पक्ष जांच की जाए और मामले में दोषी पाए जाने वाले आरोपियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
अपनी इस त्वरित कार्रवाई से सोशल मीडिया से लेकर मिडिया तक की सुर्खिया बनी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल की हर तरफ़ प्रसंशा हो रही है, अब कई महिलाओ को उनसे न्याय मिलने की उम्मीदें भी जाग उठी है,
श्री अवध बिहारी चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष पूनम गुप्ता ने कहा कि कुसुम कंडवाल महिलाओ अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए वाकई बेहतरीन काम कर रही हैं, साथ ही यदि राज्य की महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरूक करने के लिए कोई विशेष कार्यक्रम भी चलाया जाए तो यकीनन राज्य की महिलाओं की स्थिती देश भर में सर्वोत्तम होगी।