राजस्थान में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद से तनाव के हालात हैं। वहीं, चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद हुई गोगामेड़ी की हत्या कई सवाल भी खड़े कर रही है। अब इस हत्याकांड में पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आ रहा है। करणी सेना की ओर से दावा किया जा रहा है कि गोगामेडी की हत्या पाकिस्तान ने कराई है। ये दावा इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि गोगामेड़ी को पाकिस्तान के नंबरों से जान से मारने की धमकियां मिल रहीं थीं। सुरक्षा की मांग को लेकर उन्होंने राजस्थान पुलिस को पत्र भी लिखा था, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उधर, हत्या के बाद धरने पर बैठे परिजनों ने मांगों पर सहमति बनने के बाद प्रदर्शन खत्म कर दिया है। हत्याकांड की जांच अब एनआईए को दी गई है।
दरअसल, पांच साल पहले 15 अगस्त 2018 को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने करणी सेना के सैनिकों के साथ श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। इसके बाद से वे आतंकियों के निशाने पर आ गए थे और फिर उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं थीं। करणी सेना के पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने एक मीडिया संस्थान को बताया कि पाकिस्तान से सुखदेव दादा को जान से मारने की धमकी मिली थी। लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बाद से ही वे आतंकियों के निशाने पर थे। इसे लेकर करणी सेना के पदाधिकारियों ने पिछले साल एक प्रेसवार्ता की थी। जिसमें गहलोत सरकार और राजस्थान पुलिस से दादा को सुरक्षा देने का आग्रह किया गया था।
बता दें कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में पुलिस की बड़ी लापरवाही भी समाने आई है। गोमामेड़ी ने जान का खतरा बताते हुए पुलिस से कई बार सुरक्षा की मांग की, लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई। धमकी और सुरक्षा की बात कहते हुए गोगामेड़ी का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें वे कह रहे हैं कि मुझे जान से जारने की धमकियां मिल रहीं है। शिकायत के तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस और प्रशासन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। वे कंफर्म नहीं कर पा रहे हैं कि मुझे धमकियां पाकिस्तान से मिली रहीं हैं या फिर इंटरनेट के जरिए दी जा रही हैं। वीडियो में वे सुरक्षा को लेकर परेशान नजर जा रहे हैं। ऐसे में ये माना जा सकता है कि अगर, पुलिस उनकी शिकायत को गंभीरता से लेती तो उनकी जान बच सकती थी।
भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच एनआईए से कराने की मांग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। साथ ही उन्होंने गोगामेड़ी की हत्या को लेकर वर्तमान राजस्थान सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। राठौड़ ने कहा था- सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या सरकार के माथे पर कलंक हैं। मांगने के बाद भी उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई। इस केस की जांच स्थानीय पुलिस नहीं कर सकती। ऐसे में इसे एनआईए को सौंपा जाना चाहिए। गृह विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार ने बताया था कि हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंपने को लेकर बातचीत चल रही है। देर शाम मांगों पर सहमति बनने के बाद मामले की जांच एनआईए को दे दी गई।