कैबिनेट मीटिंग में 33 प्रस्तावों को मंजूरी, पूर्व विधायकों की पेंशन भी बढ़ाई
रिर्पोट दिशा शर्मा
देहरादून। उत्तराखंड राज्य में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें 33 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा की गई और विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनी।
बैठक के दौरान, राज्य सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसके साथ ही, सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। परिवहन विभाग द्वारा तैयार की गई रोड सेफ्टी पॉलिसी को मंत्रिमंडल ने अनुमोदित किया, जिसे राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लागू किया जाएगा।
इसके अलावा, निर्वाचन विभाग के ढांचे में पुनर्गठन को भी मंजूरी दी गई।
पूर्व विधायकों की पेंशन में वृद्धि का भी प्रस्ताव पारित हुआ। अब पूर्व विधायकों को 40,000 रुपये की पेंशन बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी जाएगी, और हर साल उनकी पेंशन में 3,000 रुपये की वृद्धि की जाएगी, जो पहले 2,500 रुपये थी। इसके अलावा, विधायकों को सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए मिलने वाली पेट्रोल राशि में भी वृद्धि की गई है।
मंत्रिमंडल ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे निर्माण की दिशा में डीपीआर तैयार कर भारत सरकार को भेजने की सहमति दी। वनाग्नि को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग द्वारा गठित समितियों को 30,000 रुपये प्रति समिति की सहायता देने का निर्णय भी लिया गया।
सैनिक कल्याण विभाग को निशुल्क भूमि उपलब्ध कराने और खुरपिया फार्म की भूमि को आवासीय भूमि में बदलने की मंजूरी भी मंत्रिमंडल ने दी है।
बैठक के बाद, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि इस बैठक में 33 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि वनाग्नि सत्र के मद्देनजर, इस विषय पर जनसहभागिता के साथ कार्य किया जाएगा और विभिन्न विभागों, ग्राम पंचायतों और युवाओं को जोड़कर इसे नियंत्रित किया जाएगा।
मंत्री ने यह भी बताया कि पर्यटन, उद्योग, आवास, और ऊर्जा विभागों से संबंधित प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है।