ग्रामीण निर्माण विभाग के इंजीनियर ने समाजसेवी से मांगी 4 हजार रुपए की रिश्वत
रिश्वत न देने पर आधे घंटे तक अपने दफ्तर में रोक कर रखा पीड़ित को ।
इंजीनियर ने पीड़ित का काम लटकाने की भी दी धमकी।
रिपोर्ट:दिशा शर्मा!
हरिद्वार। समाजसेवी से ग्रामीण निर्माण विभाग के एक इंजीनियर ने रिश्वत में चार हजार की मांग कर ली। रिश्वत ना देने पर करीब आधे घंटे तक समाजसेवी को अपने कार्यालय में रोक कर रखा और काम को लटकाने की धमकी भी देने लगा। मामला खंड विकास अधिकारी मानस मित्तल तक जब मामला पहुंचा तो उन्होंने फोन पर ही उस इंजीनियर की फोन पर ही फटकार लगाई। नाम ना छापने की शर्त पर शिकायतकरता ने बताया कि उसे अपने मकान का मूल्यांकन कराना था जिसके लिए वो इंजीनियर बोबिंदर कुमार से मिला तो उन्होंने मूल्यांकन प्रमाणपत्र बनाकर अपने पास रख लिया और उससे चार हजार रुपए की मांग करने लगे। वहीं बराबर मे बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर ने कहा कि जब तक तुम चार हजार रुपए नहीं दोगे तब तक ये प्रमाणपत्र तुम्हे नहीं मिलेगा। पीड़ित ने आधे घंटे तक उनसे प्रमाणपत्र देने की विनती भी की लेकिन उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि जब तक चार हजार नहीं दोगे तो तब तक प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। आखिर में पीड़ित ने खंड विकास अधिकारी मानस मित्तल से गुहार लगाई तब कही जाकर बोबिंदर कुमार ने वह प्रमाणपत्र दिया। बड़ा सवाल ये ही हर महीने लाखों रुपए की तनख्वा सरकार से लेने वाले इंजीनियर आखिर कब तक प्रदेश की पारदर्शी सरकार की साख को पलीता लगाकर ऐसे ही आमजन से उगाही करते रहेंगे।
——-बॉक्स समाचार——
*क्या कहते हैं अधिकारी*
मामला संज्ञान में लाया गया है अब जल्दी ही इस संबंध में नोटिस जारी कर इस इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
मानस मित्तल
खंड विकास अधिकारी ,बहादराबाद
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यह तो बेहद गंभीर प्रकरण प्रतीत हो रहा है शीघ्र ही इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी,यदि इंजीनियर दोषी पाया गया तो तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विभु विश्व मित्र रावत
मुख्य अभियंता
ग्रामीण निर्माण विभाग, उत्तराखंड