बड़ा सवाल… रोड़ीबेल वाला में हो रहे अवैध निर्माण पर आखिर क्यों है उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारी मेहरबान।।।
रिपोर्ट :दिशाशर्मा
*यदि नींद से नहीं जागे दोनों प्रदेशों के सिंचाई विभाग के अधिकारी तो ढूंढने से भी नहीं मिलेगी जमीन*
हरिद्वार। गंगा के किनारों पर अस्थाई निमार्ण ही किया जा सकता है। मगर कुछ लोग सिंचाई विभाग की खरबों की बेशकीमती जमीन को हड़पने से बाज नहीं आ रहे हैं। अस्थायी निमार्ण की अनुमति लेकर पक्के निमार्ण किए जा रहे हैं। सिंचाई विभाग की जमीनों पर कई जगहों पर लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। मगर इन सबके बाजवूद भी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड दोनों ही प्रदेशों के सिंचाई विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोए हुए हैं। इन निर्माण व अवैध कब्जों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यदि दोनों ही प्रदेशों के सिंचाई विभागों के अधिकारियों का रवैया इसी तरह से चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब सिंचाई विभाग को अपनी जमीन ढूंढने से भी नहीं मिलेगी।
सिंचाई विभाग को ठेंगा दिखाते हुए रोड़ीबेल वाला क्षेत्र में नियमों के विपरीत अस्थाई निर्माण की अनुमति लेकर पक्का निर्माण कर दिया है, जिसको लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं, केवल नोटिस नोटिस खेलकर अवैध निर्माण को हरी झंडी दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद भी निर्माणकर्ताओं के हौसले बुलंद है। कहीं ना कहीं विभागीय अधिकारियों की मिली भगत की भी इसमें बू आ रही है। आखिरकार ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद भी नियमों के विपरीत हो रहे निर्माण को क्यों नहीं रोका जा रहा है। यह एक बड़ा सवाल है। नियमों के विपरीत अवैध निर्माण करने वाले श्री जनक देव चैरिटेबल ट्रस्ट पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग और उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधिकारी आखिर क्यों मेहरबान है बड़ा सवाल है की क्यों पक्के निर्माण पर कार्रवाई नहीं हो रही है। आखिर किसकी शह पर अवैध निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखाई जा रही है अब देखना होगा कि इस खबर के बाद कुंभकर्णी नीद सोए हुए अधिकारियों की आंखें खुलता है या नहीं या फिर अवैध निर्माण कार्य जारी रहेगा। ऐसा रौडीबेल वाला में अकेला नहीं है। अन्य जगहों पर भी सिंचाई विभाग की जमीनों पर अवैध कब्जे करने के साथ ही निर्माण भी किए जा रहे हैं।