जून में ही बंद हो गया था जे. आर. फार्मा का प्रोडक्शन।
दवाएं बनती हुई नहीं बल्कि स्टॉक सीज किया एन.सी.बी. ने।
ड्रग्स इंस्पैक्टर अनीता भारती ने भी रोका दवा कंपनी का प्रोडक्शन।
हरिद्वार। बुधवार को एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की छापेमारी बड़ी सुर्खियां बन गई, तो वही दूसरी ओर ड्रग्स इंस्पैक्टर अनीता भारती ने गुरुवार को बहादराबाद स्थित एक फार्मा कंपनी के दवा निर्माण पर रोक लगा दी, जिसका निरीक्षण उन्होंने करीब 15 दिन पहले भी किया था, और अपने रिपोर्ट के माध्यम से इसके दवा निर्माण को रोकने की संस्तुति की थी,केवल उच्चाधिकारियों के आदेश की प्रतीक्षा थी, और ड्रग्स इंस्पैक्टर ने खुद कंपनी में जाकर ड्रग्स कंट्रोलर का आदेश भी थमाया।
दूसरी ओर एन.सी.बी.ने जो दवाएं बुधवार को सिडकुल स्थित जे आर फार्मा कंपनी में सीज की थी उस कंपनी के दवाओं का प्रोडक्शन तो जून 2024 से ही बन्द करवा दिया गया था,
ड्रग्स इंस्पैक्टर अनीता भारती ने बताया कि इस कंपनी में हमारी टीम द्वारा आठ महीने पहले निरीक्षण किया गया था, जिसमें खामियां पाई गई थीं
जिसके बाद उसका प्रोड्यूशन स्टॉप करने के आदेश भी दिए गए थे,
जिस गोदाम में ये दवाएं रखी गई थी उसका लाइसेंस भी जे.आर. फार्मा कंपनी के पास था, जो दवाइयां एनसीबी द्वारा सीज की जा रही हैं वो जून 2024 माह से पूर्व की बनी है,
फिलहाल मेरे संज्ञान में ये नहीं आया है कि कंपनी में प्रोडक्शन स्टॉप होने के बाद भी कोई दवा बनती पाई गई हो,
बाकी एनसीबी अपने स्तर से भी जांच कर रही है जिसमें मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है, उनकी जांच गोपनीय ढंग से की जा रही है ,
आपको बता दें कि मीडिया में कुछ भ्रामक सूचनाएं भी फैल रही हैं कि कम्पनी दवाएं अब भी बना रही थी,
जबकि ये दवाएं आठ महीने पहले से ही यहां जमा है लेकिन शायद किसी कारण से कंपनी के संचालक दवाओं की आपूर्ति बाहर नहीं कर पाए,
उन्होंने बताया कि दवा कंपनियों को प्रदेश का फूड एवं औषधि नियंत्रक विभाग लाइसेंस जारी करता है लेकिन नारकोटिक्स दवाई बनाने के लिए उन्हें ग्वालियर से लाइसेंस लेना पड़ता है , दवा कंपनी को एक्सपोर्ट करने की अनुमति अलग से लेनी होती है। डोमेस्टिक की अनुमति अलग से लेनी होती है,
अगर एक्सपोर्ट की दवाइयां डोमेस्टिक में पाई जाती है तो वह भी नियम के विरुद्ध है।