बेरीनाग। पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट में नवजात और प्रसव पीड़िता की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के कारण दोनों की जान गई है, और उन्होंने सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की मांग की है।
बीते दो दिन पहले गंगोलीहाट के चौरपाल निवासी रविंद्र सिंह अपनी गर्भवती पत्नी कमला देवी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गंगोलीहाट लेकर आए थे। यहां प्रसव न हो पाने पर डॉक्टरों ने महिला को हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी। महिला की हालत बिगड़ने पर उसे गंगोलीहाट के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां महिला का प्रसव हुआ।
महिला ने एक मृत नवजात को जन्म दिया, और महिला की स्थिति अधिक बिगड़ने के कारण उसकी भी मौत हो गई। रविंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण उनकी पत्नी और नवजात की जान गई है। उन्होंने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया।
नवजात और प्रसव पीड़िता की मौत के बाद गुस्साए लोग, जिसमें गंगोलीहाट व्यापार संघ और कांग्रेस नगर अध्यक्ष समेत अन्य संगठन शामिल थे, सीएचसी गंगोलीहाट पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सीएमओ को ज्ञापन भेजकर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने गंगोलीहाट सीएचसी में महिला विशेषज्ञ डॉक्टर और बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की भी मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
महिला की मौत पर कांग्रेस महिला मोर्चा की प्रदेश सचिव और पूर्व ब्लॉक प्रमुख रेखा भंडारी ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और स्वास्थ्य सुविधाओं को तत्काल सुधारा जाना चाहिए। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की।
सीएचसी गंगोलीहाट के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. पवन कार्की ने इस घटना को दुखद बताया और कहा कि गंगोलीहाट के एक निजी चिकित्सालय में हुई इस मौत के कारणों की बारीकी से जांच की जा रही है। जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।