नही रहे विदेश से देश बुलाने वाले पंकज उदास।
नही रहे विदेश से देश बुलाने वाले पंकज उदास।
रिपोर्ट:मोहित प्रधान,हरीद्वार।
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है का गीत गाकर करोड़ों की आंखें छलकाने वाले पंकज उदास नहीं रहे ,
पंकज उदास 72 साल की उम्र में स्वर्गवासी हो गए, उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब ने सोशल मीडिया पर जारी की। एक दैनिक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में उनकी पुत्री ने बताया कि पंकज उदास भयंकर कैंसर से जूझ रहे थे और उन्हें सांस लेने में भी काफी तकलीफ होने लगी थी 10 दिन पहले ही उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया था। जहां सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली पंकज उदास के परिवार में उनकी पत्नी फरीदा और दो बेटियां नायाब और रेवा है पंकज उदास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जैतपुर में हुआ था ।उनका परिवार राजकोट के पास कर खड़ी कस्बे का रहने वाला था। उनके दादा जमींदार थे, 1993 में आई नाम फिल्म के “चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है” गीत ने उन्हें खास पहचान दिलाई इस गीत को सुनकर एक दो नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की आंखों से आंसू भी भर आई,ऐसा भी देखने को मिला था कि कई लोग इस गीत से प्रेरित होकर विदेश से अपने घर वापस आ गए,
रिपोर्ट:मोहित प्रधान,हरीद्वार।
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है का गीत गाकर करोड़ों की आंखें छलकाने वाले पंकज उदास नहीं रहे ,
पंकज उदास 72 साल की उम्र में स्वर्गवासी हो गए, उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब ने सोशल मीडिया पर जारी की। एक दैनिक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में उनकी पुत्री ने बताया कि पंकज उदास भयंकर कैंसर से जूझ रहे थे और उन्हें सांस लेने में भी काफी तकलीफ होने लगी थी 10 दिन पहले ही उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया था। जहां सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली पंकज उदास के परिवार में उनकी पत्नी फरीदा और दो बेटियां नायाब और रेवा है पंकज उदास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जैतपुर में हुआ था ।उनका परिवार राजकोट के पास कर खड़ी कस्बे का रहने वाला था। उनके दादा जमींदार थे, 1993 में आई नाम फिल्म के “चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है” गीत ने उन्हें खास पहचान दिलाई इस गीत को सुनकर एक दो नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की आंखों से आंसू भी भर आई,ऐसा भी देखने को मिला था कि कई लोग इस गीत से प्रेरित होकर विदेश से अपने घर वापस आ गए,