खनन माफियाओं के लिए संजीवनी बने चोर रास्ते, ग्राम प्रधानों को भी रिश्वत।
रिपोर्ट: दिशा शर्मा
हरिद्वार। लाख दावों के बाद भी अवैध खनन रुक नहीं रहा है ,
साथ ही नहीं रुक रहा है उसका अवैध परिवहन ।
अब खनन माफियाओ ने नए-नए कर रास्ते खोज निकाले हैं जिनके सहारे अवैध खनन सामग्री शहरी क्षेत्र तक पहुंचाई जा रहीहै,
कैलाश रिवर बैड मेट्रियल कंपनी की सख्ती के बाद इन दिनों खनन माफिया बेहद सजग हो गए हैं, और खनन सामग्री को ठिकाने लगाने के नए-नए तरीके और रास्ते खोज रहे हैं,
अब उन्होने कुछ ग्राम प्रधानों के साथमिलकर अवैध खनन सामग्री परिवहन के लिए चोर रास्ते भी खोज निकाले हैं,
भोगपुर से निकलकर यह रास्ते बिशनपुर कुंडी , कटरपुर और अजीतपुर होते हुए पंजनहेदी के अंदरूनी रास्तों से जा रहे हैं जिसमें कुछ ग्राम प्रधानों और जनप्रतिनिधियों भी संलिप्त है सूत्रों की माने तो इसके लिए स्थानिक ग्राम प्रधानों को ₹1000 प्रति वाहन प्रति महीने की दर से दिए जा रहे हैं ,
एक अनुमान के मुताबिक इन जो रास्तों से करीब 200 से 300 खनन के वाहन चलते हैं यानी हर महीने करीब ढाई से तीन लाख रूपए महीना इन ग्राम प्रधानों को रिश्वत दी जा रही है,
लेकिन इन सब से परेशान है क्षेत्र के किसान जिनकी फैसले धूल मिट्टी के कारण बर्बाद हो रही है,