कैंसर है तो तुरंत आए,
हॉप करेगा निदान
विश्व की सबसे आधुनिक तकनीक से होगा ईलाज ,
हर दिन 150 मरीज होंगे कैंसर मुक्त।
मुंबई और बैंगलोर के बाद अब हरिद्वार में भी लेजर तकनीक से होगा ईलाज।
रिपोर्ट:अरुण कश्यप
हरिद्वार ।उत्तर भारत के कैंसर पीड़ितों के लिए बड़ी अच्छी ख़बर है कि अब यहां अत्याधुनिक लेजर तकनीक से उनके रोग का निदान होगा।
जानकारी देते हुए हॉस्पिटल के संस्थापक डा संजय कुमार मिश्रा ने बताया की हमारा ये हॉप हॉस्पिटल कैंसर पीड़ितो को को एक नया जीवनदान देगा,
शरीर में बिना चीरा लगाए सिर्फ शरीर के जिस अंग में समस्या है सिर्फ उसको ही लेजर किरणों से हिट करके चंद मिनटों में इलाज होगा, डा .मिश्रा ने बताया कि यह हॉस्पिटल लोगों की सेवाओं के लिए ही बनाया गया है, और बहुत ही जल्दी लोगों को सेवाएं देनी शुरु कर दी जाएगी, उन्होने बताया कि आर्टिफिशियल एंटीलेजेंस से कैंसर पीड़ितों का यहां इलाज होगा,
उत्तर भारत में पहली बार ए. आई. तकनीक द्वारा कैंसर पीड़ितों का इलाज होगा , इस तकनीक के सहारे हम एक दिन में 150 से अधिक केंसर के मरीजों का ईलाज कर पाने में सक्षम है,देखा जाए तो आज के समय में कैंसर जैसी बीमारी आम बन चुकी है, कैंसर का नाम सुनते ही लोग भयभीत जाते हैं आज कैंसर लाखों लोगो की अकाल मौत का कारण भी बनता है,
मध्यम वर्गीय लोग महंगा होने के कारण कैंसर का ईलाज भी नही करा पाने में समर्थ नहीं हो पाते,
उन्होने बताया कि हमारा उद्देश्य मरीजों को नए जीवन की उम्मीद दिखाना और उसे पूरा करना है,
हम सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर ही इलाज करेंगे इस क्षेत्र में भी कैंसर के मरीज दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं ,
उसातनहर दिन 8 कैंसर के मरीजों का इलाज भी करता हूं आने वाले समय में यह समस्या और भयंकर होगी क्योंकि इस क्षेत्र में बढ़ता औद्योगिकरण और उससे निकलने वाला प्रदूषण और जंक फूड कैंसर को न्योता देते हैं तंबाकू और सिगरेट का बढ़ता सेवन भी कैंसर का बड़ा कारण है लक्सर क्षेत्र में देखें तो वहां भी गंगा किनारे क्षेत्र में दूषित पानी पीने के कारण कैंसर के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं इन सब को देखते हुए यदि हमें सच्ची सब मायने में मानव सेवा करनी है तो इस क्षेत्र में कैंसर अस्पताल की बेहद आवश्यकता थी,
*सरकार ने किया निराश*
विश्व की सबसे बेहतरीन तकनीक से कैंसर जैसे जटिल रोगों का इलाज करने की बात कहने वाले डॉक्टर मिश्रा स्थानीय प्रशासन और सरकार से बेहद निराश दिखाई दिए , उन्होने बताया कि इस मशीन को लाने के लिए हमने चार करोड़ 27 लाख रुपए का टैक्स दिया है , जीवन रक्षक उपकरणों में सरकार को इस तरह के भारी भरकम टैक्स में भी छूट देनी चाहिए ताकि देश में उच्च स्तरीय तकनीक की चिकित्सा आम जन तक पहुंच सके।